
गणितीय ज्यामिति में, क्षेत्रमिति फार्मूला का महत्व सबसे अधिक है. एक गणितीय सर्वे के अनुसार प्रत्येक प्रकार के एग्जाम में ( कम्पटीशन, बोर्ड, सरकारी या गैर-सरकारी) All Mensuration Formula in Hindi से सम्बंधित प्रश्न लगभग 45 % से अधिक होते है. इसलिए, ऐसे प्रश्नों को हल करने के लिए विशेष फार्मूला का प्रयोग करना अनिवार्य होता है.
हाल ही में हुए कुछ वार्षिक बोर्ड और कम्पटीशन एग्जाम में देखा गया है कि शंकु, बेलन, गोला, आयत, त्रिभुज, चतुर्भुज आदि जैसे ज्यामितीय आकृति से सम्बंधित अधिक प्रश्न पूछा गया है. जो दर्शाता है कि क्षेत्रमिति फार्मूला स्मरण होना कितना आवश्यक है.
आवश्यकता के अनुसार, क्षेत्रमिति से जुड़े लगभग सभी घटकों यानि आयतन, क्षेत्रफल, परिमाप आदि का विस्तृत अध्ययन यहाँ किया जाएगा. जो प्रश्न हल करने के साथ-साथ गणित में अपना पकड़ मजबूत कनरे में भी मदद करेंगे.
अवश्य पढ़े,
वर्ग का परिभाषा एवं क्षेत्रफल | घन का क्षेत्रफल |
आयत का विशेष क्षेत्रफल | समानान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल |
समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल | समचतुर्भुज का क्षेत्रफल |
त्रिभुज का क्षेत्रफल | शंकु का क्षेत्रफल |
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क्षेत्रमिति की परिभाषा
ज्यामितीय क्षेत्रमिति गणित की एक ऐसी शाखा है जो मापन सम्बन्धित क्रियाओं को पूर्ण करती है. मापन में भी विशेष रूप से यह ज्यामितीय आकृतियों के क्षेत्रफल, आयतन, एवं परिमिति या परिमाप के सूत्रों की निष्पत्ति एवं उनके प्रयोग से सम्बन्ध रखती है.
यहाँ क्षेत्रमिति के कुछ प्रमुख घटक है जो इस प्रकार है.
परिमाप / परिधि: क्षेत्रमिति में परिमाप या परिधि एक ऐसी दुरी है जो रेखाखंडो से बनी आकृति के रेखाखंडो के साथ-साथ चलते हुए एक बंद आकृति बनाती है. अतः उस आकृति के चारों और चक्कर ही परिमाप कहलाता है. दुसरें शब्दों में, किसी आकृति के सभी भुजाओं की लंबाइयों का योग उस आकृति का परिमाप या परिमिति कहलाता हैं
क्षेत्रफल: किसी समतल या वक्रतल के द्वि-आयामी आकृति के परिमाण को क्षेत्रफल कहा जाता है. जिस क्षेत्र के क्षेत्रफल ज्ञात की जाए, वह क्षेत्र सामान्यतः किसी बन्द वक्र से घिरा होता है. क्षेत्रफल को हमेशा वर्ग इकाई में ही मापा जाता है.
आयतन: किसी त्रिविमीय आकृति द्वारा घिरा गया स्थान आयतन कहलाता है. किसी पदार्थ द्वारा घिरे हुए स्थान को लम्बाई, चौड़ाई एवं ऊँचाई में व्यक्त किया जाता है. आयतन को हमेशा घन इकाई में मापा जाता है.
Note:-
केवल त्रिविमीय आकृति के ही आयतन होते है. जैसे, बेलन, शंकु घन, घनाभ, गोला, छिन्नक आदि.
क्षेत्रमिति के सभी सूत्र
द्विविमीय आकृति जैसे आयत, वर्ग, समकोण त्रिभुज, समद्विबाहु त्रिभुज आदि के क्षेत्रफल और परिमाप एवं त्रिविमीय आकृती जैसे घन, घनाभ, बेलन, शंकु, गोला, शंकु आदि का आयतन, क्षेत्रफल एवं परिधि यहाँ विस्तृत रूप से शामिल है. जो गणित में आपको उज्जवल भविष्य के ओर ले जाएगा.
2डी और 3डी आकृतियों का क्षेत्र
2डी आकृति | क्षेत्रफल(वर्ग इकाई) | परिमाप(इकाई में) |
---|
वर्ग | a² | 4a |
आयत | l × b | 2 ( l + b) |
वृत्त | πr² | 2 π r |
विषमबाहु त्रिभुज | √[s(s−a)(s−b)(s−c)] जहाँ, s = (a+b+c)/2 | a+b+c |
समद्विबाहु त्रिभुज | ½ × b × h | 2a + b |
समबाहु त्रिभुज | (√3/4) × a² | 3a |
समकोण त्रिभुज | ½ × b × h | b + hypotenuse + h |
समचतुर्भुज | ½ × d1 × d2 | 4 × side |
समानांतर चतुर्भुज | b × h | 2(l+b) |
समलम्ब चतुर्भुज | ½ h(a+b) | a+b+c+d |
आकृति | आयतन(घन इकाई) | वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल | कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल |
---|
घन | a³ | 4 a² | 6 a² |
घनाभ | l × b × h | 2 h (l + b) | 2 (lb +bh +hl) |
गोला | (4/3) π r³ | 4 π r² | 4 π r² |
अर्धगोला | (⅔) π r³ | 2 π r² | 3 π r² |
बेलन | π r² h | 2π r h | 2πrh + 2πr² |
शंकु | (⅓) π r² h | π r l | πr (r + l) |
वर्ग का फार्मूला
- वर्ग की परिमाप = 4 × a
- वर्ग का क्षेत्रफल = (भुजा × भुजा) = a²
- एवं भुजा = √ क्षेत्रफल
- वर्ग का क्षेत्रफल = ½ × (विकर्णो का गुणनफल) = ½ × d 2
- वर्ग का विकर्ण = एक भुजा × √2 = a × √2
- वर्ग का विकर्ण = √2 × वर्ग का क्षेत्रफल
आयत का फार्मूला
- आयत का परिमाप = 2(लम्बाई + चौड़ाई)
- आयत का क्षेत्रफल = लंबाई ×चौड़ाई
- आयत का विकर्ण =√(लंबाई² + चौड़ाई²)
समलम्ब चतुर्भुज का सूत्र
- समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल
= ½ (समान्तर भुजाओं का योग x ऊंचाई)
= ½ (समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल)
= ½ (आधार x संगत ऊंचाई)
- परिमाप, P = a + b+ c + d
सम चतुर्भुज का फार्मूला
- ∠A + ∠B + ∠C + ∠D = 360°
- विषमकोण चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × दोनों विकर्णो का गुणनफल
- अर्थात, A = (d1 × d2)/2 वर्ग इकाई
- समचतुर्भुज की परिमाप = 4 × एक भुजा
- समचतुर्भुज में => (AC)² + (BD)² = 4a²
चक्रीय चतुर्भुज का फार्मूला
- ∠A + ∠C = 180°
- ∠B + ∠D = 180°
- क्षेत्रफल = √[s(s-a) (s-b) (s – c) (s – c)]
- परिमाप, S = ½ ( a + b + c + d )
बहुभुज का फार्मूला
- n भुजा वाले चतुर्भुज का अन्तः कोणों का योग = 2(n -2) × 90°
- समबहुभुज के प्रत्येक अंतः कोण = (n – 2) / 2 × 180°
- n भुजा वाले बहुभुज के बहिष्कोणों का योग = 360°
- बहुभुज के कुछ अंतः कोणों का योग = (n – 2) × 180°
- n भुजा वाले समबहुभुज का प्रत्येक अन्तः कोण = [2(n – 2) × 90°] / n
- बहुभुज की परिमिति = n × एक भुजा
- नियमित षट्भुज का क्षेत्रफल = 6 × ¼√3 (भुजा)²
- n भुजा वाले समबहुभुज का प्रत्येक भहिष्यकोण = 360°/n
- नियमित षट्भुज का क्षेत्रफल = 3√3×½ (भुजा)²
- समषट्भुज की भुजा = परिवृत की त्रिज्या
- नियमित षट्भुज की परिमति = 6 × भुजा
- n भुजा वाले नियमित बहुभुज के विकर्णो की संख्या = n(n – 3)/2
वृत्त का फार्मूला
- वृत्त का क्षेत्रफल = πr²
- वृत्त का व्यास = 2r
- वृत्त की परिधि = 2πr
- वृत्त की परिधि = πd
- वृत्त की त्रिज्या = √व्रत का क्षेत्रफल/π
- वृताकार वलय का क्षेत्रफल = π (R 2 – r 2 )
- अर्द्धवृत्त की परिधि = ( π r + 2 r )
- अर्द्धवृत्त का क्षेत्रफल = 1/2πr²
त्रिज्याखण्ड एवं वृत्तखंड का फार्मूला
- त्रिज्याखण्ड का क्षेत्रफल = θ/360° × πr²
- चाप की लम्बाई = θ/360° × 2πr
- त्रिज्याखण्ड की परिमिति = 2r + πrθ/180°
- वृतखण्ड का क्षेत्रफल = (πθ/360° – 1/2 sinθ)r²
- वृतखण्ड की परिमिति = (L + πrθ)/180° , जहाँ L = जीवा की लम्बाई
घन का फार्मूला
- घन का आयतन = भुजा × भुजा × भुजा = a 3
- घन का परिमाप = 4 a²
- पार्श्वपृष्ठ का एक किनारा = √ ( पार्श्वपृष्ठ का क्षेत्रफल / 4 )
- घन का एक किनारा = 3 √आयतन
- घन का एक किनारा = √ (सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल / 6 )
- घन के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 6a²
- घन का विकर्ण = √3 × भुजा
घनाभ का फार्मूला
- घनाभ का आयतन = l × b × h
- घनाभ का परिमाप = 2(l + b) × h
- घनाभ के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2(lb + bh + hl)
- घनाभ का विकर्ण = √(l² + b² + h²)
- घनाभ की ऊँचाई = आयतन / ( लम्बाई × चौड़ाई )
- घनाभ की चौड़ाई = आयतन / ( लम्बाई × ऊँचाई )
- कमरें के चारों दीवारों का क्षेत्रफल = 2h ( l + b )
- ढक्कनरहित टंकी का क्षेत्रफल = 2h ( l + b ) + lb
- छत या फर्श का क्षेत्रफल = लम्बाई × चौड़ाई
बेलन का फार्मूला
- बेलन का आयतन = πr 2 h
- बेलन की ऊँचाई = आयतन / πr 2
- लम्बवृतीय बेलन की त्रिज्या = √ ( आयतन / πh)
- खोखले बेलन में लगीधातु का आयतन = πh (R 2 – r 2 )
- बेलन का वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = 2πrh
- बेलन का सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2πr ( h + r )
- लम्बवृतीय बेलन की ऊँचाई = (बेलन का सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल / 2πr) – r
- लम्बवृतीय बेलन का आधार का क्षेत्रफल = πr 2
शंकु का सूत्र
- शंकु का आयतन = 1/3 πr 2 h
- लम्बवृतीय शंकु की तिर्यक ऊँचाई = √ ( h 2 + r 2 )
- शंकु की ऊँचाई = √ (l 2 – r 2 )
- शंकु की आधार की त्रिज्या = √ (l 2 – h 2 )
- शंकु के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = πrl
- लम्बवृतीय शंकु के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = πr ( l + r )
- शंकु का आधार का क्षेत्रफल = πr 2
गोला का फार्मूला
- गोले का वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = 4πr 2
- गोला का आयतन = 4/3 πr 3
- गोलीय शेल का आयतन = 4/3 π ( R 3 – r 3 )
- गोलीय शेल के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 4/3 π ( R 2 – r 2 )
- घन ने सबसे बड़े गोले का आयतन = 1/6 a 3
- घन में सबसे बड़े गोले का पृष्ठ क्षेत्रफल = πa 2
- गोले में सबसे बड़े घन की एक भुजा = 2R / √3
- अर्द्ध गोला के वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = 2 πr 2
- किसी अर्द्ध गोला के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 3 πr 2
- अर्द्ध गोला का आयतन = 2/3 πr 3
समबाहु त्रिभुज का सूत्र
- समबाहु त्रिभुजा का क्षेत्रफल = (√3)/4 × भुजा 2
- समबाहु त्रिभुज का शीर्षलम्ब = (√3)/4 × भुजा
- परिमाप = 3 × भुजा
समद्विबाहु त्रिभुज का सूत्र
- समद्विबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल, A = a / 4 b √ (4b² – a²)
- समद्विबाहु त्रिभुज का शीर्षलम्ब = a / 4 b √ (4b² – a²)
- परिमाप, P = 2a + b
विषमबहु त्रिभुज का सूत्र
- विषमबहु त्रिभुज का क्षेत्रफल, A =√ [ s(s – a)(s – b)(s – c) ]
- दुसरें रूप में, A = ½ × आधार × ऊँचाई
- अर्धपरिधि P = ½ ( a + b + c )
समकोण त्रिभुज का सूत्र
- समकोण त्रिभुज का क्षेत्रफल, A = ½ × आधार × ऊँचाई
- समकोण समद्विबाहु त्रिभुज का परिमाप = (2 + √2) × भुजा
- समकोण समद्विबाहु त्रिभुज का कर्ण = (√2) × भुजा
- समकोण समद्विबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = ½ × भुजा 2
क्षेत्रमिति से सम्बंधित तथ्य
गणितीय ज्यामितीय क्षेत्रमिति में मापन के भौतिक राशि को परिमाण संख्याओं में व्यक्त किया जाता है. मापन प्रक्रिया मुख्यतः क्षेत्रफल, परिमाप, आयतन आदि से किया जाता है. यहाँ Mensuration All Formula in Hindi का सम्पूर्ण विवरण दिया गया है जो ज्यामितीय आकृति के प्रशों को हल करने में प्रयुक्त होता है. उम्मीद है यह पोस्ट आपके उम्मीद के मुताबिक सिद्ध होगा.
सामन्य प्रश्न FAQs
Q. क्षेत्रमिति का जनक कौन है?
क्षेत्रमिति का का जनक लियोनार्ड डिग्स है.
Q. क्षेत्रमिति का अर्थ क्या है?
क्षेत्रमिति गणित की एक शाखा है जो मापन में विशेष रूप से यह ज्यामितीय आकृतियों के क्षेत्रफल एवं आयतन के सूत्रों की निष्पत्ति के संबंधित प्रयोग किया जाता है.
Q. मैथ्स में मेंसुरेशन फॉर्मूला क्या है?
क्षेत्रमिति सूत्र यानि मेंसुरेशन फॉर्मूला ज्यामिति का एक महत्वपूर्ण भाग हैं जिसमे गणितीय और वास्तविक दुनिया के आकृतियों का हल फार्मूला द्वारा किया जाता है. इस फार्मूला के मदद से आकार, लंबाई, आयतन, क्षेत्रफल, सतह क्षेत्र आदि जैसे आयामों को हल किया जाता है.